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🌾 पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना 2025
राजस्थान सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना” की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण इलाकों में रह रहे BPL (Below Poverty Line) परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और उन्हें गरीबी से बाहर निकालना है।
📅 योजना की शुरुआत कब हुई?
यह योजना 3 जुलाई 2025 को राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई थी। इसका पहला चरण 5,000 गांवों में लागू किया जा रहा है।
🎯 योजना का उद्देश्य
- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को गरीबी मुक्त बनाना।
- BPL परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना।
- महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
- स्वरोजगार और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
💰 आर्थिक लाभ
- प्रत्येक BPL परिवार को ₹1 लाख तक की आर्थिक सहायता।
- महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य को ₹15,000 कार्यशील पूंजी।
- जो परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठेगा, उसे ₹21,000 प्रोत्साहन राशि।
📊 अब तक की प्रगति
- पहले चरण में 5,000 गांवों को चुना गया।
- 30,631 BPL परिवारों की पहचान की गई।
- 22,400 परिवारों के बैंक खाते सत्यापित किए गए।
- 17,891 परिवारों को अब तक राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।
📋 आवेदन प्रक्रिया
यदि आप BPL परिवार से हैं और आपके गांव का चयन इस योजना में हुआ है, तो आप निम्न प्रक्रिया अपनाकर योजना का लाभ ले सकते हैं:
- अपने गांव की पंचायत या ब्लॉक ऑफिस से संपर्क करें।
- जरूरी दस्तावेज़ जैसे – BPL कार्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण आदि जमा करें।
- योजना से संबंधित सर्वे और सत्यापन प्रक्रिया में भाग लें।
- योग्यता के अनुसार आपके खाते में राशि भेजी जाएगी।
🪪 जरूरी दस्तावेज़
- BPL राशन कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
📌 आत्मनिर्भर परिवार कार्ड क्या है?
राज्य सरकार उन परिवारों को जो गरीबी से ऊपर उठते हैं, उन्हें “आत्मनिर्भर परिवार कार्ड” जारी करेगी। यह कार्ड भविष्य की योजनाओं में प्राथमिकता दिलाने का कार्य करेगा।
📈 योजना का अगला चरण
दूसरे चरण में अतिरिक्त 5,002 गांवों को शामिल किया जाएगा। 22,872 परिवारों का सर्वेक्षण भी पूरा हो चुका है।
📝 निष्कर्ष
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित भी करती है। यदि आप इस योजना के पात्र हैं तो जल्द से जल्द आवेदन करें और इसका लाभ उठाएं।