बीमा सखी योजना महिलाओं के लिए एक रोजगार-उन्मुख योजना है, जिसका उद्देश्य उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिन्हें “बीमा सखी” कहा जाएगा।
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योजना की मुख्य विशेषताएं
- महिलाओं का प्रशिक्षण: महिलाओं को बीमा उत्पादों, पॉलिसी की शर्तों और ग्राहक सेवा कौशल में प्रशिक्षित किया जाता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान: इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में बीमा सेवाएं उपलब्ध कराना है, जहां इनकी पहुंच कम है।
- आर्थिक सशक्तिकरण: बीमा सखी के रूप में महिलाएं खुद की आय अर्जित कर सकती हैं, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण होता है।
- सामाजिक जागरूकता: यह योजना बीमा के महत्व को समझाने और लोगों को बीमा सेवाओं से जोड़ने में मदद करती है।
लाभ और वेतन
- पहले साल ₹7,000 प्रति माह, दूसरे साल ₹6,000, और तीसरे साल ₹5,000 वेतन मिलेगा।
- बीमा पॉलिसी बेचने पर कमीशन और ₹2,100 का प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
- यह योजना लगभग 35,000 महिलाओं को रोजगार प्रदान करेगी।
पात्रता
- महिला आवेदक की आयु 18-50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- न्यूनतम योग्यता 10वीं पास हो और वह ग्रामीण क्षेत्र से होनी चाहिए।
- बीमा सेवाओं में रुचि अनिवार्य है।
यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त करने और आय के साधन देने के लिए है। महिला सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना इसका मुख्य उद्देश्य है।
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन: सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करें।
ऑफलाइन: नजदीकी एलआईसी कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म जमा करें।
इस योजना की शुरुआत 9 दिसंबर 2024 को हरियाणा के पानीपत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जाएगी। इसके बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल पर विजिट करें।
बीमा सखी योजना भारत में महिलाओं को बीमा क्षेत्र में सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई एक पहल है। इस योजना के तहत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे न केवल बीमा योजनाओं की जानकारी प्रदान कर सकें, बल्कि अपने लिए रोजगार का साधन भी बना सकें।