Shramik Card: श्रमिक कार्ड के फायदे – Labour Card Benefits

By | March 6, 2022

Shramik Card – श्रमिक कार्ड/मजदुर कार्ड देश के अगल – अलग क्षेत्र में काम करने वाले कामगार बना सकते है। श्रमिक कार्ड बनाने के लिये किसी प्रकार के रूपये नहीं लगते है। श्रमिक कार्ड ऑनलाइन बनता है। श्रमिक कार्ड परिवार में कितने भी सदस्य बना सकते है जो श्रमिक का कार्य करते है। श्रमिक कार्ड अलग – अलग राज्य सरकार अपने अनुसार बनती है और श्रमिक कार्ड से अलग अलग फायदे दिये जाते है।

Table of Contents

श्रमिक कार्ड कौन बना सकता है

मजदुर कार्ड / श्रमिक कार्ड कोई भी श्रमिक का कार्य करने वाला बनवा सकता है महिला और पुरष दोनों बनवा सकते है श्रमिक कार्ड बनाने के लिये निम्न पात्रता है – Shramik Card

  • केवल असंगठित क्षेत्र में काम करने वाला बना सकता है।
  • आयु 18 वर्ष से लेकर 59 साल तक का श्रमिक कार्ड बना सकता है।
  • श्रमिक आयकरदाता नहीं होना चाहिए
  • श्रमिक कार्ड / मजदुर कार्ड निःशुल्क बनाये जाते है।
bocw rajasthan

श्रमिक कार्ड के लिये दस्तावेज

  • आधार कार्ड (अनिवार्य)
  • श्रमिक होने का प्रमाण पत्र
  • राशन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज 2 फोटो
  • वोटर आईडी कार्ड
  • शपथ पत्र

उपरोक्त आदि प्रमाण पत्रों के साथ ऑफलाइन भरे हुये फॉर्म के साथ सलग्न कर ऑनलाइन फॉर्म भरा जाता है।

श्रमिक कार्ड /मजदुर कार्ड से कोनसी योजना में फायदा मिलेगा

शुभशक्ति योजना

शुभशक्ति योजना में श्रमिक कार्ड धारक की पुत्रीयो के लिये योजना शुरू की गयी है जिसमे श्रमिक की 2 पुत्रीयो को शुभ शक्ति योजना का फायदा मिलता है। शुभशक्ति योजना में एक पुत्री के विवाह पर 55 हजार रूपये मिलते है। वही अगर 2 पुत्रियों का विवाह हो तो रूपये 1 लाख 10 हजार मिलते है इसके लिये ऑनलाइन फॉर्म भरा जाता है।

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना Shramik Card

इस योजना में श्रमिक की स्वास्थय बीमा की जाती जिसमे श्रमिक को प्रधान मंत्री सुरक्षा बिमा योजना में 2 लाख रूपये तक मिलते है। साथ ही अटल पेंशन योजना में हर माह एक हजार रूपये पेंशन मिलती है।
पात्रता

  • मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो।
  • हिताधिकारी के नाम में बैंक में बचत खाता हो।
  • श्रमिक के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो। (वैकल्पिक)
  • हिताधिकारी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना की सदस्यता हेतु पात्रता धारक हो तथा उसके द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते से इन योजनाओं या इनमें से किन्हीं योजना के अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति किये जाने की सहमति सम्बन्धित बैंक को दी गई हो तो योजना का फायदा मिलेगा।
  • हिताधिकारी द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते के माध्यम से इन योजनाओं के वार्षिक अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति कराई गई हो।

निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना

इस योजना में श्रमिक के पुत्र व पुत्रियों को छात्रवृति दी जाती है
पात्रता

  • मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होय
  • हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नि ही शिक्षा सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के लिए पात्र होंगे
  • श्रमिक की अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता होगी
  • परन्तु यदि पति-पत्नि दोनों पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति-पत्नि के अधिकतम दो बच्चों को छात्रवृत्ति की पात्रता होगी।
  • परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं होगी।
  • कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा में सरकारी या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल या महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हो।
  • राज्य में संचालित सरकारी या मान्य निजी आईटीआई एवं पॉलीटेक्नीक पाठ्यक्रम में नियमित अध्ययनरत हो।
  • मेधावी छात्र-छात्रा द्वारा नगद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 7 % अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण की हो।
  • डिप्लोमा, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा में (चिकित्सा, इंजिनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल परीक्षा सहित) 60 प्रतिशत या अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त की हो/उत्तीर्ण की हो।
  • हिताधिकारी की पत्नि को छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा षिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो।
  • किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पश्चात् ही देय होगी।
  • ग्रीष्म अवकाश के बाद शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने पर ही छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु 12वीं कक्षा, डिप्लोमा, स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने की स्थिति में आगामी कक्षा में प्रवेष लेना आवष्यक नहीं होगा।
  • अधिनियम की धारा 17 तथा नियम, 2009 के नियम 45 के प्रावधानानुसार जो हिताधिकारी लगातार एक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नहीं करता है तो वह हिताधिकारी नहीं रहेगा, अतः ऐसे अंशदान के जमा कराने में चूक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नि को योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति देय नहीं होगी।

निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना

श्रमिक कार्ड की इस योजना श्रमिक कार्ड से आवास मिलते है Shramik Card
पात्रता

  • मण्डल में कम से कम 1 वर्ष से हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो तथा अंशदान जमा कराया गया हो।
  • हिताधिकारी के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो (वैकल्पिक)
  • यदि स्वयं के भूखण्ड पर आवास बनाता है तो भूखण्ड पर स्वयं का या पत्नी/ पति का मालिकाना हक हो तथा उक्त भूखण्ड/सम्पत्ति विवाद रहित, बंधक रहित हो।
  • वित्तीय संस्था/बैंक से ऋण लेने के अतिरिक्त, स्वयं की बचत या अन्य स्त्रोत से ऋण लेकर आवास का निर्माण करने की स्थिति में, आवास की अनुमानित निर्माण लागत का प्रमाणिकरण पंचायत अथवा नगर पालिका के कनिष्ठ अभियन्ता या उससे उच्च अभियन्ता से प्राप्त करना आवश्यक होगा।
  • हाउसिंग फार आल मिशन (अरबन) या सरकार की अर्फोडेबल हाउसिंग या मुख्यमंत्री जन आवास योजना या सरकार की अन्य किसी आवास योजना के अन्तर्गत आवास प्राप्त करने की निर्धारित शर्ते व पात्रता पूरी करता हो।
  • लाभार्थी के निर्माण श्रमिक/पंजीकृत हिताधिकारी होने की जांच/पुष्टि श्रम विभाग द्वारा की जायेगी तथा केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी आवास योजना में आवास प्राप्त करने की पात्रता की जांच नगरीय विकास विभाग अथवा आवास योजना से संबंधित अन्य विभाग या एजन्सी द्वारा की जायेगी।
  • स्वयं की बचत से या बैंक वित्तीय संस्था के अतिरिक्त अन्य स्त्रोत से ऋण प्राप्त कर आवास निर्माण करने की स्थिति में, जहां नियमों में आवष्यक हो, स्थानीय ग्राम पंचायत/नगर पालिका/नगर निगम या अन्य राजकीय संस्थान से भवन का मानचित्र व ले-आउट प्लान स्वीकृत होना आवष्यक होगा।
  • आवास का मालिकाना हक पति व पत्नी दोनों के संयुक्त नाम में होगा।
  • हिताधिकारी आवास हेतु सहायता/अनुदान प्राप्त करने के उपरान्त 10 वर्ष तक निर्माण अथवा क्रय किए गए अथवा केन्द्र या राज्य सरकार की किसी आवास योजना के अन्तर्गत प्राप्त किये गये आवास का बेचान, एग्रीमेंट टू सेल या अन्य किसी भी प्रकार से नहीं कर सकेगा। यदि ऐसा किया जाता है तो अनुदान की राषि हिताधिकारी से पुनः वसूल की जाएगी।
  • यदि हिताधिकारी अथवा उसकी पत्नि/पति अथवा आश्रित पुत्र या पुत्री के नाम पर/मालिकाना हक में पहले से कोई आवास है तो ऐसे हिताधिकारी को मकान नहीं मिलेंगे।

प्रसूति सहायता योजना

श्रमिक के पुत्र जन्म लेने पर रूपये 20 हजार मिलेंगे।
श्रमिक के पुत्री जन्म लेने पर 21 हजार रूपये मिलेंगे।
पात्रता

  1. महिला श्रमिक अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत हिताधिकारी परिचय पत्रधारी हो।
  2. प्रसव के समय महिला हिताधिकारी की आयु 20 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
  3. प्रसूति हितलाभ अधिकतम दो बार के प्रसव हेतु ही देय होगा। पंजीयन से पूर्व दो या अधिक संतान होने की स्थिति में सहायता देय नहीं होगी तथा पंजीयन से पूर्व एक संतान होने पर एक ही प्रसव पर सहायता देय होगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
  4. ऐसे निर्माण कर्मकार हिताधिकारी जो मण्डल की निधि में मासिक अभिदाय जमा करने की चूक (डिफाल्ट) करते हैं, उन्हें प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।
  5. पुनः मासिक अदायगी न करने की चूक का नियमानुसार पुनर्भरण करने पर निर्माण हिताधिकारी कर्मकार प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्र होगी।
  6. योजना के अन्तर्गत प्रसूति हितलाभ संस्थागत प्रसव पर ही देय होंगे। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा जोडा गया)।

निर्माण श्रमिक अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगियो हेतु प्रोत्साहन योजना

श्रमिक कार्ड धारक के पुत्र व पुत्री को अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में जितने पर पुरस्कार दिया जाता है।
पात्रता

  • इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगें, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत हैं तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं। उक्त के अतिरिक्त निर्माण श्रमिक के अविवाहित पुत्र एवं पुत्री भी योजना के अन्तर्गत सहायता के पात्र होगे।
  • किसी भी ऑनलाइन गेमिंग/बैटिंग संबंधी प्रतियोगिता हेतु योजना के प्रावधान लागू नहीं होगे।
  • अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता आयोजित करने वाली संस्था द्वारा डोपिंग के कारण किसी खिलाड़ी को अमान्य घोषित किये जाने अथवा जीते गए पदक को अमान्य/वापस लिए जाने की घोषणा के उपरान्त योजनान्तर्गत कोई प्रोत्साहन राशि देय नहीं होगी।
  • हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सहायता आवेदन में दी गई सूचनाओ में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है, तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।

निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चो द्वारा भारतीय/राजस्थान प्रशासनिक सेवा हेतु आयोजित प्रारम्भिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन योजना

श्रमिक के पुत्र व पुत्री को प्रशासनिक सेवा में प्रथम प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने रूपये मिलेंगे।
पात्रता

  1. इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगें, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत हैं तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं।
  2. अभ्यर्थी के माता-पिता की समस्त स्त्रोतो से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपये से अधिक न हो।
  3. श्रमिक जो पूर्व से ही राजकीय सेवाओ में कार्यरत है, उन्हे इस योजना में लाभ नहीं दिया जायेगा।
  4. अभ्यर्थी द्वारा संघ लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर दोनों परीक्षाओं हेतु अलग-अलग निर्धारित प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
  5. राजस्थान राज्य के अतिरिक्त अन्य राज्यों की प्रशानिक परीक्षा हेतु इस योजना के अन्तर्गत कोई लाभ देय नहीं होगा।
  6. इस योजना के अन्तर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिए अधिकतम एक-एक बार ही प्रोत्साहन राशि देय होगी अर्थात पूर्व में यदि प्रतियोगी परीक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है तो आगामी वर्ष में उसी प्रतियोगी परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा पुनः उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि देय नही होगी।
  7. हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सहायता आवेदन में दी गई सूचनाओ में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है, तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।

निर्माण श्रमिको के लिए व्यवसायिक ऋण पर ब्याज के पुर्नभरण योजना

अगर श्रमिक कार्ड बना हुवा है अगर कोई श्रमिक ऋण लेता है तो सरकार उस ऋण का ब्याज वापिस श्रमिक को इस योजना में दिया जाता है।
पात्रता

  • इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगें, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत हैं तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं।
  • निर्माण श्रमिको द्वारा व्यावसायिक ऋण के संबंध में प्राप्त होने वाले आवेदनों को मण्डल द्वारा वित्तीय संस्थान को नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु अग्रेषित किया जा सकता है।
  • योजना के अन्तर्गत निर्माण श्रमिको के द्वारा स्वयं के व्यवसायिक कार्य जैसे मशीन आदि खरीदने अथवा आत्मनिर्भरता की दृष्टि से अधिकतम 5 लाख रूपये तक बैंक/वित्तीय संस्थान से लिये गए ऋण की स्वीकृति होना आवश्यक है।
  • दुकान/भू-खण्ड/वाहन अथवा घरेलू सामान क्रय करने हेतु लिये गये लिये गए ऋण पर योजना के अन्तर्गत सहायता राशि देय नहीं है।
  • 5 लाख रूपये तक लिये गये व्यवसायिक ऋण पर देय वार्षिक ब्याज का पुनर्भरण उसी स्थिति में किया जायेगा, जब हिताधिकारी द्वारा वित्तीय संस्था को प्रतिवर्ष ब्याज चुकाये जाने के आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा।
  • हिताधिकारी के द्वारा ब्याज का भुगतान निर्धारित समय में नहीं करने अथवा वित्तीय संस्था द्वारा दण्ड/जुर्माना लगाये जाने पर जुर्माना राशि का पुनर्भरण मण्डल द्वारा नहीं किया जायेगा।
  • एक समय में पंजीकृत हिताधिकारी की पत्नी/पति में से एक के द्वारा ही लिए गए ऋण पर यह योजना प्रभावी होगी।
  • हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सहायता आवेदन में दी गई सूचनाओं में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है, तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।

श्रमिकों को विदेश में रोजगार हेतु वीजा पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण योजना

अगर श्रमिक रोजगार के लिये विदेश जाता है और उसका श्रमिक कार्ड बना हुवा है तो राज्य सरकार इस योजना में वीजा में जितने रुपये लगते है वो श्रमिक को वापिस देगी। Shramik Card

पात्रता

  1. इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगें, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत हैं तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं।
  2. विदेश में संविदा नियोजन प्राप्त करने हेतु प्रवासी अधिनियम, 1983 के अन्तर्गत Protectors of Emigrants (POE) के कार्यालय से प्रवास की अनुमति लिया जाना आवश्यक है।
  3. भर्ती करने वाली एजेन्सी का प्रवासी अधिनियम के अन्तर्गत पंजीयन अथवा पीओई कार्यालय से वैध परमिट आवश्यक है।
  4. उक्त योजना में वीजा राशि का पुनर्भरण हिताधिकारी के वैध वीजा सहित पासपोर्ट की न्यूनतम 6 माह की वैधता होने पर देय होगा।
  5. विदेश में हिताधिकारी का भावी नियोजन भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य में होने पर ही इस योजना का लाभ देय होगा।
  6. योजनान्तर्गत अधिकतम एक बार ही हिताधिकारी को सहायता राशि का लाभ देय होगा।
  7. हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सहायता आवेदन में दी गई सूचनाओ में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है, तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।

श्रमिक कार्ड से फायदा लेने का फॉर्म

श्रमिक कार्ड से किसी भी सरकारी योजना में फायदा लेने के लिये आपको ये फॉर्म पहले भरना होगा उसके बाद में ऑनलाइन फॉर्म भरे जायेंगे। Shramik Card

श्रमिक कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट

Shramik Card Official PortalClick here
Shramik Card Online formClick here
Shramik Card SchemesClick here
www.jobsalertguru.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *